माँ , एक सपना सी हो गयी हो तुम तो!
तुम हो आंसू की बूँद, जो अंखियों मे ही बस के रह गयी,
अब तो एक अरसा हो गया, कुछ अपनी कहे कुछ तुम्हारी सुने,
पर आज भी माँ , तेरी व्ह खिलखिलाती हंसी आँखों मैं है मेरे बसी,
बस दिखती ही नहीं हो, यूँ तो दिल में हर समय रहती हो ,
माँ, तेरी गोद में सिर रख के , आँख मूँदने को दिल चाहता है,
तेरी हथेलियों मैं अपने चेहरा छुपाने को जी चाहता है ,
पर माँ , एक सपना सी हो गयी हो तुम तो!
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