राकेश जी नेअपनी बीवी की अलमारी खोली और वहां सामने ही एक सुनहरे रंग का पैकेट सब से ऊपर रखा हुआ था। उन्होंने पैकेट खोला और उसमें रखी बेहद खूबसूरत सिल्क की साड़ी और उसके साथ की ज्वेलरी को एकटक देखने लगे।
जैसे फिर से वह वापस उन्हीं दिनों में खो गए हों । कहने लगे, ये हमने 8-9 साल पहले खरीदी थी जब हम पहली बार न्युयार्क गए थे, परन्तु उसने ये कभी पहनी नहीं क्योंकि वह इसे किसी खास मौके पर पहनना चाहती थी, और इसलिए इसे हमेशा बचा कर रखती रही।
राकेश जी ने उस पैकेट को अपनी बीवी की अर्थी के पास रख दिया।
उनकी पत्नी शुभा की मृत्यु आज सुबह अचानक ही हुई थी। दिल का दौरा और सब ख़त्म।
फ़िर उन्होंने रोते हुए वहां उपस्थित सभी लोगों को देखा और कहा-
“किसी भी खास मौके के लिए कभी कुछ भी बचा के मत रखना, जिंदगी का हर एक दिन खास मौका है, कल का कुछ भरोसा नहीं है।” उन की नम आँखों ने वहां खड़े सभी लोगों के नयन पनियाले कर दिए।
मुझे लगता है,यह बात वाक़ई जिंदगी में उतारने लायक है। इसीलिए आज आप सब से सांझा कर रहीं हूँ। मैंने अपनी ज़िंदगी में इसे पूरी तरह उतार लिया है।
अब मैं अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताती हूँ। मुझे अब समझ में आ गया है कि जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम है, डर-डर के, रूक-रूक के बहुत ज्यादा विचार करके चलने में समय आगे निकल जाता है, और हम पिछड़ जाते हैं।
अब मैं कुछ भी बहुत संभाल-संभाल के नहीं रखती, हर एक चीज़ का बिंदास और भरपूर उपयोग जी भर के करती हूँ। अब मैं घर के शोकेस में रखी महँगी क्रॉकरी का हर दिन उपयोग करती हूँ।
अगर मुझे पास के सुपर मार्केट में या नज़दीकी माॅल में मूवी देखने नए कपड़े पहन के जाने का मन है, तो मैं रिटेल थेरेपी ज़रूर करती हूँ। अपने कीमती खास परफ्यूम को विशेष मौकों के लिए संभाल कर बचा के नहीं रखती,
मैं उन्हें जब मर्जी आए तब उपयोग करती हूँ,
‘एक दिन’
‘किसी दिन’
‘कोई ख़ास मौका’ जैसे शब्द मैंने अपनी डिक्शनरी इन सभी शब्दों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
अगर कुछ देखने, सुनने या करने लायक है, तो मुझे उसे अभी देखना सुनना या करना होता है। कल पर कुछ नहीं टालती मैं अब।
मुझे नहीं पता शुभा जी क्या करती उस साड़ी का , अगर उन्हें पता होता कि वह अगली सुबह नहीं देख पाएगी?शायद वह अपने नज़दीकी रिश्तेदारों और खास दोस्तों को बुलाती।
शायद वह अपने पुराने रूठे हुए दोस्तों से दोस्ती और शांति की बातें करती।
अगर मुझे पता चले कि मेरा अंतिम समय आ गया है तो क्या मैं, इन इतनी छोटी-छोटी चीजों को भी नहीं कर पाने के लिए अफसोस करूँगी।
नहीं। इन सब इच्छाओं को तो आज ही आराम से पूरा कर सकती हूँ !
हर दिन,
हर घंटा,
हर मिनट,
हर पल विशेष है,
खास है…बहुत खास है।
दोस्तों, जिंदगी का लुत्फ उठाइए,
आज में जिंदगी बसर कीजिये। क्या पता कल हो न हो,
वैसे भी कहते हैं न कल तो कभी आता ही नहीं।
तो याद रखिये
कोई और दिन बहुत दूर है,
और शायद कभी आए भी नहीं..।
इसलिये
ज़िन्दगी के हर पल को जियें। और भरपूर जिए।
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